●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों------- समाज मे एक भ्रम बहुत समय से फैला हुआ है कि स्त्रियां शिव लिंग का अर्चन पूजन नही कर सकती। तो आज मैं आप सभी को शिवपुराण के विद्येश्वरसंहिता में वर्णित उस श्लोक से अवगत करता हु जिससे आप का भरम दूर हो जाएगा। ब्राह्मणः क्षत्रियो वैश्य: शुद्रो वा प्रतिलोमज:। पूजयेत सततं लिंगम तत्तमंत्रेण सादरम।। किम बहुक्तेन मुनयः स्त्रीणांमपि तथान्यतः। अधिकारोस्ति सर्वेषाम शिवलिंगार्चने द्विजाः।। अर्थात ब्राह्मण क्षत्रिय वैश्य शुद्र अथवा बिलोम संकर अथवा कोई भी क्यों न हो वह अपने अधिकार के अनुसार वैदिक अथवा तांत्रिक मंत्रो से शिवलिंग की पूजा करें। शिवलिंग पूजन करने में स्त्रियों का तथा अन्य सब लोगो का अधिकार है ,सभी जीव मात्र के लिए शिव कल्याणकारी है और सब को पूजा करने का अधिकार है हर हर महादेव सम्पूर्ण---🖌 ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● आप हमारे अन्य प्रसारण माध्यम से जुड़ सकते है , 📡 ब्लॉग Aachary Rudreswaran 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇
देवो के देव महादेव को हिन्दू धर्म में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हैं, अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त की इच्छा पूर्ण करने वाले शिव शंकर को भोलेनाथ भी कहते है, तंत्राधिपति बाबा महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों द्वारा की जाने वाली साधना भी देव पूजा ही कहलाती हैं । तंत्र मंत्रों में से एक है शिव शाबर मन्त्र, तंत्र शास्त्र के अनुसार इस मंत्र की साधना से भगवान महाकाल शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते है ।