●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● इन्द्राक्षी स्तोत्रम् श्रीगणेशाय नमः । पूर्वन्यासः अस्य श्री इन्द्राक्षीस्तोत्रमहामन्त्रस्य, शचीपुरन्दर ऋषिः, अनुष्टुप् छन्दः, इन्द्राक्षी दुर्गा देवता, लक्ष्मीर्बीजं, भुवनेश्वरीति शक्तिः, भवानीति कीलकम् , इन्द्राक्षीप्रसादसिद्ध्यर्थे जपे विनियोगः । करन्यासः ॐ इन्द्राक्षीत्यङ्गुष्ठाभ्यां नमः । ॐ महालक्ष्मीति तर्जनीभ्यां नमः । ॐ माहेश्वरीति मध्यमाभ्यां नमः । ॐ अम्बुजाक्षीत्यनामिकाभ्यां नमः । ॐ कात्यायनीति कनिष्ठिकाभ्यां नमः । ॐ कौमारीति करतलकरपृष्ठाभ्यां नमः । अङ्गन्यासः ॐ इन्द्राक्षीति हृदयाय नमः । ॐ महालक्ष्मीति शिरसे स्वाहा । ॐ माहेश्वरीति शिखायै वषट् । ॐ अम्बुजाक्षीति कवचाय हुम् । ॐ कात्यायनीति नेत्रत्रयाय वौषट् । ॐ कौमारीति अस्त्राय फट् । ॐ भूर्भुवः स्वरोम् इति दिग्बन्धः ॥ ध्यानम्- नेत्राणां दशभिश्शतैः परिवृतामत्युग्रचर्माम्बरां हेमाभां महतीं विलम्बितशिखामामुक्तकेशान्विताम् । घण्टामण्डित-पादपद्मयुगलां नागेन्द्र-कुम्भस्तनीम् इन्द्राक्षीं परिचिन्तयामि मनसा कल्पोक्तसिद्धिप्रदाम् ॥ इन्द्राक्षीं द्विभुजां देवीं पीतवस्त्र
देवो के देव महादेव को हिन्दू धर्म में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हैं, अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त की इच्छा पूर्ण करने वाले शिव शंकर को भोलेनाथ भी कहते है, तंत्राधिपति बाबा महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों द्वारा की जाने वाली साधना भी देव पूजा ही कहलाती हैं । तंत्र मंत्रों में से एक है शिव शाबर मन्त्र, तंत्र शास्त्र के अनुसार इस मंत्र की साधना से भगवान महाकाल शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते है ।