सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

नवंबर, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

लक्ष्मी होम बिल्ब की महत्ता

●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●         ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों-------  व्यापार वृद्धि यंत्र एवम सामान्य विधि यदि लगातार मेहनत के बाद भी आपको व्यापार में हानि हो रही है और आपको सदैव अपनी दुकान में चोरी का डर सताता रहता है तो आपको व्यापार वृद्धि यंत्र  को अपने व्यापास्थल पर स्थापित करना चाहिेए। इससे न केवल आपके व्यापार में वृद्धि होगी बल्कि व्यापार, नौकरी और रोजगार में आ रही अड़चने भी समाप्त हो सकती हैं। धन संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी आप इस कारगर और चमत्कारी यंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। तंत्रशास्त्र के अनुसार इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धि दाता के नाम से जाना जाता है।  व्यापार वृद्धि यंत्र के लाभ इस यंत्र को प्रतिष्ठित करने से व्यापार में आ रही रुकावटों से निजात मिल जाती है और व्यापार में बढ़ोत्तरी भी होती है।  यदि आपको व्यापार में लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है तो आपको अपने व्यापार स्थल पर इस यंत्र को स्थापित करना चाहिए।  कार्यस्थल पर इस यंत्र को रखने से आश्चर्यजनक धन का आगमन होता है। कोई नया व्यापार आरंभ करते वक्त अपने व्यापार स्थल पर व्य

ब्यापार बृद्धि यन्त्र एवम सरल विधि

●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●         ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों-------  व्यापार वृद्धि यंत्र एवम सामान्य विधि यदि लगातार मेहनत के बाद भी आपको व्यापार में हानि हो रही है और आपको सदैव अपनी दुकान में चोरी का डर सताता रहता है तो आपको व्यापार वृद्धि यंत्र  को अपने व्यापास्थल पर स्थापित करना चाहिेए। इससे न केवल आपके व्यापार में वृद्धि होगी बल्कि व्यापार, नौकरी और रोजगार में आ रही अड़चने भी समाप्त हो सकती हैं। धन संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी आप इस कारगर और चमत्कारी यंत्र का इस्तेमाल कर सकते हैं। तंत्रशास्त्र के अनुसार इस यंत्र को धनदाता और सर्वसिद्धि दाता के नाम से जाना जाता है।  व्यापार वृद्धि यंत्र के लाभ इस यंत्र को प्रतिष्ठित करने से व्यापार में आ रही रुकावटों से निजात मिल जाती है और व्यापार में बढ़ोत्तरी भी होती है।  यदि आपको व्यापार में लगातार घाटे का सामना करना पड़ रहा है तो आपको अपने व्यापार स्थल पर इस यंत्र को स्थापित करना चाहिए।  कार्यस्थल पर इस यंत्र को रखने से आश्चर्यजनक धन का आगमन होता है। कोई नया व्यापार आरंभ करते वक्त अपने व्यापार स्थल पर व्य

*।।अथ अन्नप्राशन मुहूर्त चक्रमीदम।।*

●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●         ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों-------  तत्र बलकनाम षष्ट मसादरभ्य सममासेषु । कण्यकनाम पंचमसादारभ्य  विषममासेषु कार्यम। मास गड़ना सौरणारात्राशनमं प्रिमितिज्ञेया।। *सद्भानी*   रो० उ०3 मृ० रे० ची० अनु० ह० पुष्य० अश्वी० अभी० पु० श्र० ध० स्वा० शु० श० एशु शुभेशु शुभ। अथ सप्तशालकाबिध्द ग्रहणभं ताजयं।। *तिथियः* 2/3/5/7/10/13/15 सत्त। अन्येषु सम।। *लग्नादि* नान्यस्मिन्नाहिं  सलग्ननी 2/3/4/5/6/7/10/11। एषु जन्मांगभयो मृत्युभस्यांग तदँशकंच हित्वा प्रसस्तम नान्यलग्ने ।                                       सम्पूर्ण---🖌              ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● आप हमारे अन्य प्रसारण माध्यम से जुड़ सकते है , 📡 ब्लॉग Aachary Rudreswaran  👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻       http://mangalamshiva.blogspot.com/?m=1 📡 टेलीग्राम 👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼👇🏼 https://t.me/AacharyRudreshwaran   📡  शिव सायुज्य 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻 https://t.me/shivsayujy 📡 व्हाट्सअप 👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻👇🏻 आचार्य रुद्रे

अष्टलक्ष्मी स्तोत्र'

●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●         ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों-------     अष्टलक्ष्मी स्तोत्र' 1. आद्य लक्ष्मी सुमनस वन्दित सुन्दरि माधवि, चन्द्र सहोदरि हेममये, मुनिगण वन्दित मोक्षप्रदायिनि, मंजुल भाषिणी वेदनुते। पंकजवासिनी देव सुपूजित, सद्गुण वर्षिणी शान्तियुते, जय जय हे मधुसूदन कामिनी, आद्य लक्ष्मी परिपालय माम्।। 2. धान्यलक्ष्मी अयिकलि कल्मष नाशिनि कामिनी, वैदिक रूपिणि वेदमये, क्षीर समुद्भव मंगल रूपणि, मन्त्र निवासिनी मन्त्रयुते। मंगलदायिनि अम्बुजवासिनि, देवगणाश्रित पादयुते, जय जय हे मधुसूदन कामिनी, धान्यलक्ष्मी परिपालय माम्।। 3. धैर्यलक्ष्मी जयवरवर्षिणी वैष्णवी भार्गवि, मन्त्रस्वरूपिणि मन्त्रमये, सुरगण पूजित शीघ्र फलप्रद, ज्ञान विकासिनी शास्त्रनुते। भवभयहारिणी पापविमोचिनी, साधु जनाश्रित पादयुते, जय जय हे मधुसूदन कामिनी, धैर्यलक्ष्मी परिपालय माम्।। 4. गजलक्ष्मी जय जय दुर्गति नाशिनि कामिनि, सर्वफलप्रद शास्त्रमये, रथगज तुरगपदाति समावृत, परिजन मण्डित लोकनुते। हरिहर ब्रह्म सुपूजित सेवित, ताप निवारिणी पादयुते, जय जय हे मधुसूदन कामिनी, गजरूपेणलक्ष्

एकादशमुखी हनुमान

एकादशमुखी हनुमानजी के रहस्य एवं कवच 〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️🌸〰️〰️ एकादशमुखी हनुमानजी महात्म्य 〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️〰️ शंकर जी बोले हे उमा ! परम भक्ति पद एकादश मुखी हनुमान जी का चरित्र ,इन्द्रियों से फ़ांस छुड़ाने वाला, इस संसार सागर से मोक्ष दिलाने वाला, सब संकट, दु:ख,ताप, भय को हरने वाला है। सुनो  दोहा भए पुकारत सुरन्ह सब, त्राहि त्राहि परमेश।  सीय रमन करुन अयन, हरहु हमर कलेश।। शिवजी कहते है कि - कालकारमुख नामक एक भयानक बलवान राक्षस हुआ। ग्यारह मुख वाले उस विकराल राक्षस ने बहुत काल तक ब्रम्हा जी की कठोर ताप किया। उसके ताप से प्रसन्न हो कर ब्रम्हा जी ने कालकार मुख राक्षस से कहा की हे तात मुझसे वर मांगो। असुर बोला कि हे कर्तार-आप मुझे ऐसा वर दीजिये -"मुझे कोई भी जीत न पावे ,रण में सामने काल भी क्यों न हो! जो मेरे जनम की तिथि पर ग्यारह मुख धारण करे वही मुझे मारे "तथास्तु कहकर चतुरानन ब्रम्हा जी अन्तर्ध्यान हो गए। वरदान पाकर अभिमानी असुर जगत में मनमानी करने लगा। उसने देवताओ के सभी अधिकार छीन लिए तथा श्रुतियो के सभी आचार भ्रष्ट कर दिए। संसार अति त्रस्त हो गया एवं अपार हाहाकार मच गया।

जीवन मे नियम की आवश्यकता

●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬●         ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों-------  एक व्यवस्थित जीवन जीने के लिए जीवन में नियमों का पालन अपरिहार्य है। नियमरहित जीवन एक अवस्था के बाद भार में परिवर्तित हो जाता है और हमें अपना ही शरीर भारवत प्रतीत होने लगता है। भारतीय ज्ञान-परंपरा में हम जब भी जीवन के संदर्भ में चर्चा करते हैं, तब योग की प्राथमिकता से हम अवगत होते हैं।अष्टांग योग का द्वितीय सोपान नियम है। नियम के बगैर इस संसार में कुछ भी चलायमान नहीं है। सूर्य नित्य बिना किसी आलस्य और व्यर्थ की प्रतिस्पर्धा के बगैर निरंतर हर दिन उगता है और चंद्रमा भी स्थितप्रज्ञ के समान अपने हिस्से की चांदनी बिना किसी रोक-टोक के बिखेरता है। प्रकृति का सब कुछ नियमबद्ध है और जब यह नियमबद्धता टूटती है, तब प्रकृति का सुंदर हरा-भरा कलेवर भी हमें रास नहीं आता।जब प्रकृति नियमों पर इतनी अडिग है तो भला वह मनुष्य को उच्छृंखल होने के लिए कैसे छोड़ सकती है? प्रकृति जब अपने नियम से हटती है तब विकराल घटनाएं घटती हैं और विध्वंस होता है। प्रकृति के समान ही जीवन में भी नियमबद्धता आवश्यक है। किसी भी प्रकार का