●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों------- भगवान विचार पूर्वक धन देते है जाने कैसे !!! भगवान सर्व समर्थ है। भगवान् के लिए कुछ भी अदेय नहीं है। पर मनुष्य को भगवान् से कुछ माँगना अयोग्य नहीं तो योग्य भी नहीं है। भगवान् सब कुछ दे सकते है। परंतु भगवान् हमें जो देते है बहुत ही विचारपूर्वक देते है। भगवान् किसी को कम अथवा किसी को अधिक नहीं देते। भगवान् हमारी क्षमता के अनुसार हमारी योग्यता के अनुसार देते है। आइये इसे एक दृष्टान्त के माध्यम से समझे:- हमारे इस संसार में सबसे कम स्वार्थ का रिश्ता यदि कोई है तो वो माँ और बेटे का रिश्ता है। माँ अपने बेटे से निष्काम प्रेम करती है और उसके जरुरत का हमेशा ध्यान रखती है। माँ को ये पता होता है की बच्चे को कब किस वस्तु की आवश्यकता है। उदाहरण के लिए बच्चे की यदि तबियत खराब है तब माँ उसे कुछ भी ऐसा खाद्य नहीं देती जिससे बच्चे की सेहत खराब हो फिर चाहे लाख बच्चा उस खाद्य के लिए ज़िद्द करे। माँ को पता है की उस खाद्य से बच्चे का सेहत खराब हो जायगा पर यदि कोई बच्चा ये समझ ले की माँ उस से प्यार नहीं करती तो ये
देवो के देव महादेव को हिन्दू धर्म में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हैं, अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त की इच्छा पूर्ण करने वाले शिव शंकर को भोलेनाथ भी कहते है, तंत्राधिपति बाबा महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों द्वारा की जाने वाली साधना भी देव पूजा ही कहलाती हैं । तंत्र मंत्रों में से एक है शिव शाबर मन्त्र, तंत्र शास्त्र के अनुसार इस मंत्र की साधना से भगवान महाकाल शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते है ।