●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● ❗❗ *आचार्य रुद्रेश्वरन* ❗❗ ●▬▬▬▬▬ஜ۩۞۩ஜ▬▬▬▬▬● 👉🏻 प्रिय पाठकों------- माता भवानी के आगमन की बहुत बहुत शुभकामनाएं । आज एक महत्वपूर्ण विधान प्रेषित कर रहा हु आशा है कि अवश्य ही यह लाभान्वित करेगा। ।। हर इक्षा हर की ।। ऊँ दुर्गा दुर्गतिशमनी दुर्गाद्विनिवारिणी दुर्गमच्छेदनी दुर्गसाधिनी दुर्गनाशिनी दुर्गतोद्धारिणी दुर्गनिहन्त्री दुर्गमापहा दुर्गमज्ञानदा दुर्गदैत्यलोकदवानला दुर्गमा दुर्गमालोका दुर्गमात्मस्वरुपिणी दुर्गमार्गप्रदा दुर्गम विद्या दुर्गमाश्रिता दुर्गमज्ञान संस्थाना दुर्गमध्यान भासिनी दुर्गमोहा दुर्गमगा दुर्गमार्थस्वरुपिणी दुर्गमासुर संहंत्रि दुर्गमायुध धारिणी दुर्गमांगी दुर्गमता दुर्गम्या दुर्गमेश्वरी दुर्गभीमा दुर्गभामा दुर्गमो दुर्गदारिणी नामावलिमिमां यस्तु दुर्गाया मम मानवः पठेत् सर्वभयान्मुक्तो भविष्यति न संशयः। विधान : पहले एक पाठ कीजिये, अब दूसरा पाठ दुसरे नाम से आरम्भ कीजिये और पहले नाम पर समाप्त कीजिये ! तीसरा पाठ तीसरे नाम से प्रारंभ करके दुसरे पर समाप्त कीजिये ! ऐसे ही क्रम से पाठ करते जाइये! अर्थात बत्तीसवा पाठ बत्तीसवे नाम
देवो के देव महादेव को हिन्दू धर्म में सर्वोच्च स्थान प्राप्त हैं, अतिशीघ्र प्रसन्न होकर अपने भक्त की इच्छा पूर्ण करने वाले शिव शंकर को भोलेनाथ भी कहते है, तंत्राधिपति बाबा महाकाल की अनेक तांत्रिक मंत्रों द्वारा की जाने वाली साधना भी देव पूजा ही कहलाती हैं । तंत्र मंत्रों में से एक है शिव शाबर मन्त्र, तंत्र शास्त्र के अनुसार इस मंत्र की साधना से भगवान महाकाल शीघ्र प्रसन्न हो जाते हैं, और अपने भक्तों के सभी कष्टों को हर लेते है ।